PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी और संतों की शिक्षाएं पढ़ रहे हैं। आज पढ़ें कि संत रविदास ने कैसे ब्राह्मणों का अहंकार तोड़ा। गंगा ने न केवल उनका पैसा स्वीकारा, बल्कि कंगन भी भेंट किया।

रैदास ने क्यों कहा था, तुमरे भजन कटहि जम फांसा और क्या थी गंगा को पैसा देने और कंगन की कहानी