PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। गुरु तेग बहादुर जी (Guru Tegh Bahadur Ji) धर्म की रक्षा की खातिर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। गुरु घर में जो भी शरण के लिए आया, गुरु जी ने उन्हें कंठ से लगाया।

Gurbani 33वीं किस्त : PehlaPanna पर रोज गुरबाणी; जब गुरु तेग बहादुर जी ने शेर वाले सपने का उदाहरण देकर साधुओं की शंका को दूर किया, पढ़ें क्या दिया था संदेश