PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। गुरु तेग बहादुर जी (Guru Tegh Bahadur Ji) ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दिया था। तभी उन्हें हिंद की चादर कहा जाता है। गुरु तेग बहादुर बचपन में भी त्याग की मूर्त थे। पढ़ें वो वाकया।

Gurbani 34वीं किस्त : PehlaPanna पर रोज गुरबाणी; जब गुरु तेग बहादुर ने वस्त्रहीन को अपनी सुंदर पोशाक देकर खुद पुराने कपड़े पहने, तभी दे दिया था धर्म के लिए खुद के त्याग का संदेश