PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। पिछली किस्त में आपने पढ़ा कि भाई आकल को गुरु हरगोबिन्द जी ने चिंतामुक्त किया। उसके दामाद भाई साधु की गुरु जी से प्रीत जुड़ गई। अब आगे...।

Gurbani 39वीं किस्त : PehlaPanna पर रोज गुरबाणी; जब भाई साधु ने गुरु हरगोबिन्द साहिब को याद किया, गुरु जी उनके पास पहुंच गए, गुरु भक्ति की यह प्रीत अमर हो गई