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Gurbani 46वीं किस्‍त : गुरु अंगद देव ने जब हुमायूं को पाठ पढ़ाया, लंगर में गरीबों को दौलत भी बांटते थे, आप भी पढ़ें और विनम्र बनें

PehlaPanna पर आप सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्‍यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। पांचवीं किस्‍त में जानिये भाई लहणा जी कैसे गुरु अंगद देव बने। खडूर साहिब में उन्‍होंने गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का प्रचार किया। लंगर प्रथा को आगे बढ़ाया।

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Gurbani 46वीं किस्‍त : गुरु अंगद देव ने जब हुमायूं को पाठ पढ़ाया, लंगर में गरीबों को दौलत भी बांटते थे, आप भी पढ़ें और विनम्र बनें, Pehla Panna

Gurbani 46वीं किस्‍त : गुरु अंगद देव ने जब हुमायूं को पाठ पढ़ाया, लंगर में गरीबों को दौलत भी बांटते थे, आप भी पढ़ें और विनम्र बनें

ByDigital Desk

Updated AtTuesday, June 25, 2024 at 1:14 AM

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