मराठों और अहमद शाह अब्दाली की सेना के बीच लगभग एक वर्ष से चला आ रहा संघर्ष पानीपत (Panipat) आके थम सा गया था। ये शांति हमेशा के लिए नहीं थी बल्कि विनाश से पहले होने वाले सन्नाटे के समान थी । जल्द ही यह युद्ध में बदल और एक बार फिर भारत की जमीन आक्रान्ताओं के लिए खुला मैदान बन गई। पिछली कड़ियों में आपने पानीपत (Panipat) के युद्ध शुरू होने की परिस्थितियों और कारणों के बारे में जाना। इसके साथ ही मराठा (Maratha) तथा अब्दाली (Abdali) की सेना के बीच लगभग एक वर्ष तक चली तनातनी की भी स्थिति स्पष्ट हुई। इस कड़ी में PehlaPanna के साथ पानीपत के युद्ध की शुरुआत के बारे में।

Third Battle of Panipat : सातवीं किस्त, मराठों को क्यों करना पड़ा पहले आक्रमण, मराठा फौज अतिउत्साह में आगे निकल गई, जानिये जंग में दोपहर तक क्या हुआ था