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Third Battle of Panipat 1761 : आठवीं किस्त, युद्ध में आगे थे मराठा, दोपहर को नजीब की रणनीति और ऊंटों पर तैनात अफगानी जंबूरक तोपों ने किस तरह जंग का पासा पलट दिया, विश्वास राव की शहादत ने सबकुछ बदल दिया

पिछली कड़ी में आपने पढ़ा कि किस तरह पानीपत (Panipat) के युद्ध के दिन मराठा सेना दोपहर तक युद्ध मैदान में हावी थी, और पैदल सेना तथा मराठा तोपखाना अब्दाली की सेना की जड़ें हिला रहा था। आइये Pehlapanna.com के साथ जानते हैं कि आगे क्या हुआ

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Third Battle of Panipat 1761 : आठवीं किस्त, युद्ध में आगे थे मराठा, दोपहर को नजीब की रणनीति और ऊंटों पर तैनात अफगानी जंबूरक तोपों ने किस तरह जंग का पासा पलट दिया, विश्वास राव की शहादत ने सबकुछ बदल दिया, Pehla Panna

Third Battle of Panipat 1761 : आठवीं किस्त, युद्ध में आगे थे मराठा, दोपहर को नजीब की रणनीति और ऊंटों पर तैनात अफगानी जंबूरक तोपों ने किस तरह जंग का पासा पलट दिया, विश्वास राव की शहादत ने सबकुछ बदल दिया

ByDigital Desk

Updated AtMonday, January 08, 2024 at 4:28 AM

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