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Third Battle of Panipat 1761 : नौवीं किस्त- PehlaPanna पर पहली बार इतिहासकार विश्‍वास पाटिल से जानिये, कैसे सदाशिवराव भाऊ शहीद हुए, कैसे हुई शव की पहचान और अफगानों को किसने दीं स्‍वर्ण मुद्राएं

आठ किस्‍तों में अब तक आप पढ़ चुके हैं कि मराठों और अब्‍दाली का शिविर कहां-कहां लगा था। अब्‍दाली की किन शर्तों को भाऊ ने इन्‍कार कर दिया था। कैसे अपने ही मराठों के लिए पराये होते चले गए। जंग के मैदान में विश्‍वास राव के बलिदान के बाद हालात तेजी से बदल गए और मराठे हार की कगार पर पहुंच गए। आज की किस्‍त में पढि़ए, पानीपत (Panipat) के मैदान पर सदाशिवराव भाऊ (Sadashivrao Bhau) का बलिदान।

Pehla Panna
Third Battle of Panipat 1761 : नौवीं किस्त- PehlaPanna पर पहली बार इतिहासकार विश्‍वास पाटिल से जानिये, कैसे सदाशिवराव भाऊ शहीद हुए, कैसे हुई शव की पहचान और अफगानों को किसने दीं स्‍वर्ण मुद्राएं, Pehla Panna

Third Battle of Panipat 1761 : नौवीं किस्त- PehlaPanna पर पहली बार इतिहासकार विश्‍वास पाटिल से जानिये, कैसे सदाशिवराव भाऊ शहीद हुए, कैसे हुई शव की पहचान और अफगानों को किसने दीं स्‍वर्ण मुद्राएं

ByDigital Desk

Updated AtTuesday, January 09, 2024 at 10:24 AM

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