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Shayar Sartaaj; सतिंदर पाल सिंह से सतिंदर सरताज बनने की कहानी, भंगड़ा स्‍टार और प्रोफेसर बनने की थी ख्‍वाहिश, प्‍यार और ऐतबार पर क्‍या कहते हैं सरताज और गीत कैसे लिख लेते हैं, जानिये सब कुछ; सकारात्‍मकता जी उठेगी, पांच मिनट पढ़ते जाएं और रूह तक उतरते जाएं

31 August 1982 को पंजाब (Punjab) के होशियारपुर के गांव बजरावर में जन्‍मे सतिंदर पाल सिंह (Satinder Pal Singh) अब दुनिया में सतिंदर सरताज के नाम से जाने जाते हैं। सब्र को सबसे बड़ा गहना बताने वाले सरताज जैसा गाते-लिखते हैं, वैसे ही खुद भी हैं। PehlaPanna पर पढ़ें उनके बारे में। जिंदगी के सारे खुशनुमा रंगों से भर उठेंगे आप।

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Shayar Sartaaj; सतिंदर पाल सिंह से सतिंदर सरताज बनने की कहानी, भंगड़ा स्‍टार और प्रोफेसर बनने की थी ख्‍वाहिश, प्‍यार और ऐतबार पर क्‍या कहते हैं सरताज और गीत कैसे लिख लेते हैं, जानिये सब कुछ; सकारात्‍मकता जी उठेगी, पांच मिनट पढ़ते जाएं और रूह तक उतरते जाएं, Pehla Panna

Shayar Sartaaj; सतिंदर पाल सिंह से सतिंदर सरताज बनने की कहानी

ByDigital Desk

Updated AtSunday, September 28, 2025 at 11:30 AM

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