Sundara Kanda दोहा-38 और जीवन दर्शन : विभीषण ने रावण को समझाया- काम क्रोध मद लोभ सब नाथ नरक के पंथ; भाद्र पद की शुक्ल चतुर्थी के चांद को त्यागने का भी उदाहरण दिया, जानिये क्या हुआ
जय सियाराम। PehlaPanna पर प्रत्येक मंगलवार को आप पढ़ रहे हैं सुंदरकाण्ड की महिमा। धर्माचार्य लाल मणि पाण्डेय आपको सुंदरकाण्ड के दोहों और चौपाइयों का रहस्य समझा रहे हैं। आज 38वीं किस्त और 38वें दोहे में जानिये, कैसे विभीषण ने रावण को समझाने का प्रयास किया है। क्या-क्या उदाहरण दिए, काम क्रोध मद लोभ का उल्लेख क्यों किया।
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Sundara Kanda दोहा-38 और जीवन दर्शन : विभीषण ने रावण को समझाया- काम क्रोध मद लोभ सब नाथ नरक के पंथ; भाद्र पद की शुक्ल चतुर्थी के चांद को त्यागने का भी उदाहरण दिया, जानिये क्या हुआ