Sundara Kanda दोहा-27 और जीवन दर्शन : मां जानकी ने हनुमंत लाल को चूड़ामनी ही क्यों उताकर दिया, राम जी को जयंत प्रसंग क्यों स्मरण कराने के लिए कहा
जय सियाराम। PehlaPanna पर प्रत्येक मंगलवार को आप पढ़ रहे हैं सुंदरकाण्ड की महिमा। धर्माचार्य लाल मणि पाण्डेय आपको सुंदरकाण्ड के दोहों और चौपाइयों का रहस्य समझा रहे हैं। आज 27वीं किस्त और 27वें दोहे में जानिये, हनुमान जी, मां सीता के पास पहुंचते हैं। रवाना होने से पूर्व उनसे कुछ पहचान मांगते हैं। इसका क्या है अर्थ, ये पढ़ें।
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Sundara Kanda दोहा-27 और जीवन दर्शन : मां जानकी ने हनुमंत लाल को चूड़ामनी ही क्यों उताकर दिया, राम जी को जयंत प्रसंग क्यों स्मरण कराने के लिए कहा