जय सियाराम। PehlaPanna पर प्रत्येक मंगलवार को आप पढ़ रहे हैं सुंदरकाण्ड की महिमा। धर्माचार्य लालमणि पाण्डेय आपको सुंदरकाण्ड के दोहों और चौपाइयों का रहस्य समझा रहे हैं। आज 14वीं किस्त और 14वें दोहे में जानिये, मां जानकी किस तरह अपने विरह का वर्णन करती हैं। किस तरह हनुमान जी मधुर वचनों से उन्हें शांत करते हैं। अब आगे जानिये।

Sundara Kanda और जीवन दर्शन-14 : विरह के सागर में डूबीं मां जानकी को हनुमान जी ने कैसे बचाया, क्यों हनुमंत लाल के नेत्रों में जल भर आया, क्या है इसका दर्शन, जानिये