प्रख्यात कथावाचनक शिवम शुक्ला कहते हैं- मैं जैसा भी हूं, प्रभु मैं आपका हूं। हमें इस बात की गांठ बांध लेनी चाहिए। इधर भी और उधर भी, रहने वाले लोग कहीं के नहीं रह जाते। PehlaPanna के Wisdom पेज पर शिवम शुक्ला के शब्दों का मर्म समझिए।

शिवम शुक्ला। PehlaPanna