सिखों के दशम गुरु गोबिन्द सिंह (Guru Gobind Singh) का प्रकाश पर्व 6 जनवरी को है। PehlaPanna पर आपको गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़े भजनों से रूबरू कराते हैं। इनके सच्चे अर्थों के बारे में भी बताते हैं। देह शिवा वर मोहि इहै भजन गुरु गोबिंद सिंह ने रचा है। इसमें गुरु जी कहते हैं- हमें जीवन में कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए। अंत भी जब निकट आ जाए तो बहादुरी से प्राण त्यागने की भावना होनी चाहिए।

Guru Gobind Singh Jayanti : देह सिवा बरु मोहि इहै का अर्थ जानिये, गुरु गोबिन्द सिंह ने रचा है ये भजन, पढ़ें PehlaPanna, हमें क्या सीखने को मिलता है