Follow us on

Gurbani 47वीं किस्‍त : गुरु अमर दास ने कैसे दोहते अर्जुन देव को पहचाना, गुरु ग्रंथ साहिब में क्‍यों लिखा है- थाल विच तिन वस्‍तु और बाबा बुढ़ा साहिब कौन थे

PehlaPanna पर आप प्रत्‍येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्‍यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib Ji) की संपादना करने वाले गुरु अर्जुन देव की परख तो गुरु अमर दास को उनके बचपने में ही हो गई थी। गुरु अर्जुन देव ने हरिमंदर साहिब में किया था गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश। तब बाबा बुढ़ा साहिब थे मुख्‍य ग्रंथी। पढ़ें पूरा वृतांत।

gurbani
Gurbani 47वीं किस्‍त : गुरु अमर दास ने कैसे दोहते अर्जुन देव को पहचाना, गुरु ग्रंथ साहिब में क्‍यों लिखा है- थाल विच तिन वस्‍तु और बाबा बुढ़ा साहिब कौन थे, Pehla Panna

Gurbani 47वीं किस्‍त : गुरु अमर दास ने कैसे दोहते अर्जुन देव को पहचाना, गुरु ग्रंथ साहिब में क्‍यों लिखा है- थाल विच तिन वस्‍तु और बाबा बुढ़ा साहिब कौन थे

ByDigital Desk

Updated AtWednesday, June 26, 2024 at 6:51 AM

Pehla Panna Logo

undefined, undefined NaN, NaN at 12:NaN AM

पूरी खबर पढ़ने के लिए विजिट करें

www.pehlapanna.com

(ENews)(JPG)
Join WhatsApp Group

Advertisement