PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। आज कि किस्त में जानिये, गुरु तेग बहादुर जी ने क्यों अपने शीश का बलिदान दिया था। कैसे उनके शिष्य ने औरंगजेब से बचकर अंतिम संस्कार कराया था।

Gurbani : छठी किस्त, Guru Gobind Singh ने क्यों कहा था- तिलक जंजू राखा प्रभ ताका और क्या है इसका मतलब