PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। आज जानिये, भाई आकल की कहानी। भाई आकल की चिंताओं से मुक्त कर दिया गुरु जी ने।

Gurbani 38वीं किस्त : PehlaPanna पर रोज गुरबाणी; कौन थे भाई आकल, जिनके मन की थाह जान गए थे गुरु हर गोबिन्द जी, आकल का दामाद जब बन गया गुरु का सेवक