PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। आज जानिये, गुरु नानक अपनी पहली उदासी यानी लंबी यात्रा पर जगन्नाथ पुरी पहुंचे थे। जन्म साखी में उनकी इस यात्रा का वर्णन है। मैं भी वहां 2018 में पहुंचा था। मेरे अनुभव भी पढ़िये।

Gurbani : 15वीं किस्त; जब जगन्नाथ पुरी में गुरु नानक ने आरती के सही मायने बताए, गगन में थाल शबद हर जगह अब पढ़ा और गाया जाता है, इनका अर्थ भी जानिये