PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। आज कि किस्त में जानिये, बाबा दीप सिंह (Baba Deep Singh) के बलिदान की कहानी। गुरु गोबिंद सिंह के साथ रहे, श्री गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप भी लिखा। हरिमंदिर साहिब का गौरव लौटाने के लिए बलिदान हो गए। अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी ने मौत को भी झुका दिया। बाबा दीप सिंह जी के जन्मदिवस पर यह विशेष विनम्र प्रयास।

Gurbani : दसवीं किस्त; दीपा से बाबा दीप सिंह बनने की कहानी, अब्दाली की फौज से स्त्रियों को बचाया, अपना शीश कटाकर भी जंग लड़ते रहे, स्वर्ण मंदिर का गौरव लौटाया