PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। आज जानिये, गुरु नानक देव जी ने जहां भाई मरदाना की प्यास बुझाई, उसी जगह पर सिख जत्थे ने ट्रेन से कटकर कुर्बानी दी। भूखे प्यासे सिखों को लंगर छकाए बिना ट्रेन को आगे नहीं जाने दिया। गुरुद्वारा सुधार प्रबंध के उस दौर में सिखों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी।

Gurbani 24वीं किस्त : गुरुद्वारा पंजा साहिब से कैदी सिखों को भूखे-प्यासे नहीं जाने दिया, ट्रेन के आगे कट गए जत्थेदार, साका पंजा साहिब की यह घटना अमर हो गई