PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। आपको कुछ किस्तों में बताएंगे कि भाई लहणा जी कैसे गुरु अंगद देव बने। कैसे उनकी पहली बार गुरु नानक देव जी से भेंट हुई। आज तीसरी किस्त।

Gurbani 44वीं किस्त : PehlaPanna पर रोज गुरबाणी; धर्म बचाने के लिए भाई लहणा को किस तरह गुरु नानक देव ने पाठ पढ़ाया, परीक्षाओं में सफल होते गए भाई लहणा