Gurbani 51वीं किस्त : शहादत के प्रकाशस्तंभ भाई मणि सिंह, मुगल जल्लाद अंग काटने लगा तो भाई साहिब ने बोला- पूरा हुकम मानो, अंगुलियों से काटो, सभी 12 भाई, नौ पुत्रों का बलिदान दे दिया, पर धर्म नहीं छोड़ा
PehlaPanna पर आप सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। सिख इतिहास के पन्ने अगर पलटेंगे तो भाई मणी सिंह (मनी सिंघ) के बिना यह अधूरा है। गुरु गोबिन्द सिंह जी के वह इतने प्रिय थे कि गुरु जी ने उन्हीं से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बाणी लिखवाई। भाई मणी सिंह खुद और पूरे खानदान के साथ शहीद हो गए। पढ़ें शहादत का यह प्रकाशस्तंभ।
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Gurbani 51वीं किस्त : शहादत के प्रकाशस्तंभ भाई मणि सिंह, मुगल जल्लाद अंग काटने लगा तो भाई साहिब ने बोला- पूरा हुकम मानो, अंगुलियों से काटो, सभी 12 भाई, नौ पुत्रों का बलिदान दे दिया, पर धर्म नहीं छोड़ा