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Gurbani 45वीं किस्‍त : PehlaPanna पर रोज गुरबाणी; भाई लहणा का गुरु अंगद देव के रूप में प्रगट होना, जब मुर्दे को खाने के हुकम से इन्‍कार नहीं किया, वो मिठाई में बदल गया

PehlaPanna पर आप प्रत्‍येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्‍यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। चौथी किस्‍त में जानिये भाई लहणा जी कैसे गुरु अंगद देव बने। कैसे उनकी पहली बार गुरु नानक देव जी से भेंट हुई।

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Gurbani 45वीं किस्‍त : PehlaPanna पर रोज गुरबाणी; भाई लहणा का गुरु अंगद देव के रूप में प्रगट होना, जब मुर्दे को खाने के हुकम से इन्‍कार नहीं किया, वो मिठाई में बदल गया, Pehla Panna

Gurbani 45वीं किस्‍त : PehlaPanna पर रोज गुरबाणी; भाई लहणा का गुरु अंगद देव के रूप में प्रगट होना, जब मुर्दे को खाने के हुकम से इन्‍कार नहीं किया, वो मिठाई में बदल गया

ByDigital Desk

Updated AtMonday, June 03, 2024 at 1:41 AM

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