PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के बारे में अब तक आपने पढ़ा कि किस तरह उन्होंने गुरु नानक के नाम पर सिक्का चलाया। आज गुरबाणी की 13वीं किस्त में आगे पढ़ें।

Gurbani 13वीं किस्त; बंदा सिंह बहादुर पर दूसरी किस्त- लोहे के पिंजरे में कैद किया गया, गढ़ी में क्या-क्या मिला