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Gurbani 43वीं किस्त : PehlaPanna पर रोज गुरबाणी; भाई लहणा सदा के लिए गुरु नानक जी के पास रह गए, सत वचन कहकर सारी सेवाएं ले जाते, नानक की मुट्ठी का राज भी खोला
PehlaPanna पर आप प्रत्येक दिन सरदार कुलवंत सिंह जी के माध्यम से गुरबाणी पढ़ रहे हैं। आपको कुछ किस्तों में बताएंगे कि भाई लहणा जी कैसे गुरु अंगद देव बने। कैसे उनकी पहली बार गुरु नानक देव जी से भेंट हुई। आज दूसरी किस्त।
May 21st 2024
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Pehla Panna
May 21st 2024
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