भोपाल गैस दुर्घटना (Bhopal Gas tragedy) को 39 वर्ष हो चुके हैं। दो दिसंबर 1984 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक संयंत्र से लगभग 40 टन मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव हुआ। यह तीखी गंध वाली एक बेहद जहरीली गैस थी। सात किलोमीटर (4.3 मील) तक फैली इस गैस से अगले तीन दिनों में 7000 से अधिक मौतें हुई। Pehlapanna.Com के साथ जानते हैं इस त्रासदी के कुछ अनछुए पहलुओं के बारे में।

भोपाल गैस त्रासदी के 39 वर्ष, अब भी है इस त्रासदी का असर, The Railway Men ने दिखाया ऐसा सच, आंखें नम होंगी और तब की राजनीतिक असंवेदना पर आप तमतमाएंगे